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हृदय गति रुकने से वैश्विक स्तर पर 300 मिलियन लोग प्रभावित होते हैं, जिनमें से 40% मौतें भारत में होती हैं। डॉ। सुवनन रॉय इसे कमजोर/कठोर हृदय के कारण अपर्याप्त रक्त पम्पिंग बताते हैं। मिथकों में दिल के दौरे को लेकर भ्रम, चेतावनी के संकेतों की कमी और उम्र के बारे में गलत धारणाएं शामिल हैं। उपचार में पेसमेकर प्रत्यारोपण, आईसीडी और सीआरटी उपकरण शामिल हैं। अस्वीकरण: चिकित्सीय सलाह के लिए डॉक्टर से परामर्श लें।
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